वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />३० नवम्बर २०१४,<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />साधु ऐसा चाहिए, दुखै दुखावे नाहि|<br />पान फूल छेड़े नहीं, बसै बगीचा माहि|| (संत कबीर)<br /><br />प्रसंग:<br />जीवन में हल्कापन कैसे लाएं?<br />जीवन सुलझा हुआ कैसे बनाएं?<br />जीवन में सहजता का आभास कैसे हो?<br />जिंदगी ऊब सा क्यों मालूम पड़ता है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते